कुरूद विधानसभा के बुनकरों को मिला ₹73 लाख की वित्तीय सहायता

कुरूद विधानसभा क्षेत्र के बुनकरों को सशक्त बनाने की नई दिशा में सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। कुरूद क्षेत्र के बुनकर सहकारी समितियों को वर्कशेड, प्रशिक्षण और आधुनिक उपकरणों के लिए कुल ₹73 लाख की महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता स्वीकृत की गई है। यह राशि न केवल बुनकरों की आजीविका सुधारेगी, बल्कि सदियों पुरानी हस्तशिल्प और हैंडलूम कला को भी नई पहचान देगी।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था में को बल, स्वरोजगार के नए द्वार

कुरूद क्षेत्र के गुदगुदा, परखंदा, गाड़ाडीह, भेंडरवानी, भोथली और बकली जैसे गाँवों के बुनकरों के लिए यह सहायता एक जीवन-रेखा साबित होगी। स्वीकृत राशि में से ₹52.20 लाख विशेष रूप से बुनकर वर्कशेड सह आवास योजना के लिए आवंटित किए गए हैं। इस पहल से स्थानीय कारीगरों को अपने घरों के पास ही एक सुरक्षित, सुव्यवस्थित और आधुनिक कार्यस्थल मिल पाएगा। बेहतर कार्य-सुविधा मिलने से बुनकरों की दक्षता और उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी। यह सहायता केवल भवन निर्माण तक सीमित नहीं है, बल्कि ₹13.60 लाख की राशि नवीन बुनाई प्रशिक्षण पर और ₹7.20 लाख की राशि उन्नत सहायक उपकरण खरीदने पर खर्च की जाएगी, जिससे बुनकर नई तकनीकें सीखकर बाज़ार की प्रतिस्पर्धा में खड़े हो सकेंगे।

  • वर्कशेड निर्माण हेतु: ₹52 लाख 20 हजार
  • बुनाई प्रशिक्षण हेतु: ₹13 लाख 60 हजार
  • सहायक उपकरण हेतु: ₹7 लाख 20 हजार
    कुल राशि: ₹73 लाख

बुनकरों को मिलेगा आत्मनिर्भर बनने का अवसर

Kurud Assembly Constituency: विधायक अजय चंद्राकर ने बताया कि इस योजना से न केवल बुनकरों को बेहतर कार्यस्थल मिलेगा, बल्कि उनकी आय में भी वृद्धि होगी। नई तकनीक और प्रशिक्षण से पारंपरिक बुनाई को आधुनिक बाज़ार की मांग के अनुरूप बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने, हैंडलूम और हस्तशिल्प परंपरा को पुनर्जीवित करने तथा स्थानीय कारीगरों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए यह कदम महत्वपूर्ण है।

गांवों में महिलाओं को भी मिलेगा रोजगार

इन बुनकर समितियों के माध्यम से प्रशिक्षण लेकर अब गांवों की और भी महिलाएं घर पर रहकर रोजगार से जुड़ सकेंगी। महिला स्व-सहायता समूहों को बुनकर समितियों से जोड़ा जा रहा है ताकि वे कपड़ा बुनाई, डिजाइनिंग और सिलाई में अपनी भूमिका निभा सकें।

इससे न केवल महिलाओं को आर्थिक सशक्तिकरण मिलेगा, बल्कि पूरे परिवार की आय में स्थिरता आएगी। ग्रामीण महिलाएं अब पारंपरिक बुनाई को एक नए स्वरूप में अपनाकर आत्मनिर्भर बन सकेंगी।

पारंपरिक कला को नई पहचान

भारत में बुनकरी सिर्फ आजीविका का साधन नहीं, बल्कि सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक भी है। हथकरघा उद्योग देश की सबसे पुरानी और सम्मानित परंपराओं में से एक है। कुरूद क्षेत्र के बुनकर अब आधुनिक उपकरणों और प्रशिक्षण की मदद से सूती, रेशमी और खादी वस्त्रों के उत्पादन में नई ऊंचाइयां छू सकेंगे।

विधायक जी का कहना है कि यह पहल सिर्फ आर्थिक सहयोग नहीं, बल्कि कला और परंपरा के संरक्षण की दिशा में एक कदम है। इससे क्षेत्र के युवाओं और महिलाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर मिलेंगे और पलायन की समस्या भी घटेगी।

क्षेत्र में बढ़ेगा रोजगार और आत्मनिर्भरता

कुरूद में चल रही इस योजना से न सिर्फ बुनकर परिवारों की आजीविका सुधरेगी, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी नई गति मिलेगी। प्रशिक्षण प्राप्त बुनकर अपने उत्पादों को बाजार में सीधे बेच सकेंगे, जिससे बिचौलियों पर निर्भरता कम होगी। विधायक चंद्राकर ने कहा कि आने वाले समय में और अधिक गांवों को इस योजना से जोड़ा जाएगा ताकि हर बुनकर परिवार आर्थिक रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बन सके।

हाथकरघा बुनकर वर्कशेड सह आवास सहायता योजना

बिहान बुनकर सहकारी समिति मर्यादित परखंदा

क्र.बुनकर का नामपिता/पति का नामग्रामजिलास्वीकृत राशि (लाखों में)
1श्रीमती मोहनी राज साहूश्री अजय राज साहूगुदगुदाधमतरी2.50 लाख
2श्रीमती किरण साहूश्री लोकेश कुमार साहूपरखंदाधमतरी2.50 लाख
3श्रीमती लछवंतीन सोनकरश्री हितेश सोनकरगुदगुदाधमतरी2.50 लाख
4श्रीमती टोकेश्वरी निषादश्री मन्नू लाल निषादपरखंदाधमतरी2.50 लाख
5श्रीमती खिलेश्वरी साहूश्री घनश्याम साहूभेण्डरवानीधमतरी2.50 लाख
6श्री कृष्णरंजन साहूश्री चितरंजन साहूगुदगुदाधमतरी2.50 लाख

प्रगति बुनकर सहकारी समिति मर्यादित सुपेला

क्र.बुनकर का नामपिता/पति का नामग्रामजिलाराशि (रू. लाखों में)
1श्रीमती गोदावरी देवांगनश्री राजेन्द्र देवांगनसुपेलाधमतरी2.50 लाख
2श्री टीकम राम देवांगनश्री नारायण देवांगनसुपेलाधमतरी2.50 लाख
3श्री रमेश कुमार देवांगनश्री बिसौहा देवांगनगाड़ाडीहधमतरी2.50 लाख
4श्री देवब्रत देवांगनश्री रामगोपाल देवांगनसुपेलाधमतरी2.50 लाख
5श्रीमती कामिन बाई यादवश्री सुरित यादवगाड़ाडीहधमतरी2.50 लाख
6श्रीमती हेमिन बाई साहूश्री इन्द्रजीत साहूगाड़ाडीहधमतरी2.50 लाख

शुभम बुनकर सहकारी समिति मर्यादित बकली

क्र.बुनकर का नामपिता/पति का नामग्रामजिलाराशि (रू. लाखों में)
1श्रीमती तामेश्वरी ध्रुवश्री राजेन्द्र ध्रुवभोथलीधमतरी2.50 लाख
2श्रीमती राधिका ध्रुवश्री परसराम ध्रुवभोथलीधमतरी2.50 लाख
3श्रीमती ईश्वरी ध्रुवश्री हीराराम ध्रुवभोथलीधमतरी2.50 लाख
4श्रीमती मुकेश्वरी कंवरश्री लोकनाथ कंवरभोथलीधमतरी2.50 लाख
5श्रीमती त्रिवेणी ध्रुवश्री टाकेश्वर ध्रुवभोथलीधमतरी2.50 लाख

प्रगति बुनकर सहकारी समिति मर्यादित सुपेला

क्र.हितग्राही का नामपिता/पति का नामग्रामराशि (रू. लाखों में)
1श्रीमती दिव्या बाई देवांगनश्री हेमराज देवांगनसुपेला0.60 लाख
2श्रीमती लता बाई देवांगनश्री नोशन लालसुपेला0.60 लाख
3श्रीमती इंदु यादवश्री संतोष यादवसुपेला0.60 लाख
4श्रीमती पार्वतीश्री खिलेश्वर साहूसुपेला0.60 लाख
5श्रीमती निशा देवांगनश्री थानूराम देवांगनसुपेला0.60 लाख
6श्रीमती पल्लवी देवांगनश्री नीलकंटसुपेला0.60 लाख
7श्रीमती हीरा साहूश्री नीलकंठ साहूसुपेला0.60 लाख
8श्रीमती नीलिमा साहूश्री मेघनाथसुपेला0.60 लाख
9श्रीमती लिलेश्वरी साहूश्री ताराचंद साहूसुपेला0.60 लाख
10श्रीमती रूखमणी देवांगनश्री गेंदलालसुपेला0.60 लाख
11श्रीमती जानकी बाई साहूश्री रामसिंग साहूसुपेला0.60 लाख
12श्रीमती रितुश्री मुरलीधर देवांगनसुपेला0.60 लाख

शुभम बुनकर सहकारी समिति मर्यादित बकली

क्र.बुनकर का नामपिता/पति का नामग्रामजिलाराशि (रू. लाखों में)
1श्रीमती आशा ध्रुवश्री कुंजन ध्रुवभोथलीधमतरी2.50 लाख

नवीन बुनाई प्रशिक्षण हेतु

ग्राम बानगर के 20 हितग्राहियों के लिए नवीन बुनाई प्रशिक्षण (New Weaving Training) देने हेतु बिहान बुनकर सहकारी समिति मर्यादित परखंदा जिला धमतरी को नियमानुसार राशि रू. 6,80,000/- (अक्षरी छः लाख अस्सी हजार रूपये मात्र) की स्वीकृति प्रदान की गई है।

मोहंदी के 20 हितग्राहियों के लिए नवीन बुनाई प्रशिक्षण (New Weaving Training) देने के लिए शुभम बुनकर सहकारी समिति मर्यादित बकली जिला धमतरी को नियमानुसार राशि रू. 6,80,000/- (अक्षरी छः लाख अस्सी हजार रूपये मात्र) की स्वीकृति प्रदान की गई है।

उन्नत/सहायक उपकरण हेतु

20 सदस्यों के लिए उन्नत/सहायक उपकरण (Improved/Auxiliary Equipment) हेतु शुभम बुनकर सहकारी समिति मर्यादित बकली जिला धमतरी को नियमानुसार राशि रू. 7,20,000/- (अक्षरी राशि रू. सात लाख बीस हजार) की स्वीकृति प्रदान की गई है।

यह पहल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने, हैंडलूम कला की विरासत को संरक्षित करने और विशेष रूप से महिला बुनकरों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक निर्णायक कदम है। यह सहायता स्थानीय कारीगरों को नई पहचान और सम्मान दिलाकर उनके लिए स्थायी स्वरोजगार के अवसर सृजित करेगी।

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