छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव 2025: Bastar Airport से अब तक तीन लाख यात्रियों ने भरी उड़ान

Bastar Airport: छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के 25 वर्षों की विकास यात्रा में आवागमन की सुविधाओं का विस्तार महत्वपूर्ण उपलब्धि रही है। जहां राजधानी रायपुर पहले से ही देश के प्रमुख शहरों से वायु मार्ग से जुड़ा था, वहीं अब बस्तर, बिलासपुर और अंबिकापुर जैसे शहर भी विमान सेवाओं से लाभान्वित हो रहे हैं। विशेषकर बस्तर संभाग मुख्यालय जगदलपुर में एयरपोर्ट और नियमित यात्री उड़ानों की सुविधा से क्षेत्र में विकास की नई संभावनाएं खुली हैं।

माँ दंतेश्वरी हवाई अड्डा: इतिहास से वर्तमान तक

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

Maa Danteshwari Airport: जगदलपुर स्थित माँ दंतेश्वरी हवाई अड्डा का ऐतिहासिक महत्व है। इसका निर्माण वर्ष 1939 में ब्रिटिश शासनकाल में किया गया था और इसे उस समय ”जहाज भाटा” नाम से जाना जाता था। यह हवाई अड्डा अपने लंबे इतिहास के साथ आज बस्तर अंचल की प्रगति का प्रतीक बन गया है।

आधुनिकीकरण की प्रक्रिया

वर्ष 2017 में केंद्र सरकार की उड़ान योजना के अंतर्गत भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा हवाई अड्डे के उन्नयन का कार्य प्रारंभ किया गया। वर्ष 2019 में इसे 3-सी श्रेणी में अपग्रेड किया गया, जिससे एटीआर-72 जैसे विमानों का संचालन संभव हुआ।

नामकरण का महत्व

वर्ष 2020 में छत्तीसगढ़ सरकार ने हवाई अड्डे का नामकरण बस्तर की आराध्य देवी माँ दंतेश्वरी के नाम पर किया। यह नामकरण स्थानीय संस्कृति और धार्मिक भावनाओं को सम्मान देते हुए क्षेत्रीय पहचान को मजबूत बनाता है।

उड़ान सेवाओं का विस्तार

प्रारंभिक सेवाएं

सितंबर 2020 में जगदलपुर से रायपुर और हैदराबाद के लिए एलायंस एयर द्वारा नियमित व्यावसायिक उड़ानें शुरू की गईं। इसके बाद दिल्ली, जबलपुर और बिलासपुर के लिए भी उड़ान सेवाएँ प्रारंभ हुईं।

वर्तमान स्थिति

मार्च 2024 से इंडिगो एयरलाइंस ने जगदलपुर को हैदराबाद और रायपुर से जोड़ते हुए दैनिक सेवा शुरू की। पैरामिलिट्री बलों के लिए विशेष दिल्ली सेवा का संचालन भी किया जा रहा है। वर्तमान में जगदलपुर एयरपोर्ट से अब तक लगभग तीन लाख यात्री हवाई यात्रा कर चुके हैं।

विकास पर व्यापक प्रभाव

स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार

इससे न केवल स्थानीय नागरिकों को सुविधा मिली है, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं में भी उल्लेखनीय सुधार हुआ है। गंभीर मरीजों को बड़े शहरों तक शीघ्र उपचार हेतु पहुंचाना संभव हो पाया है।

शिक्षा और रोजगार के अवसर

विद्यार्थी और युवा रोजगार एवं उच्च शिक्षा के लिए बड़े शहरों तक आसानी से पहुँच रहे हैं। इससे बस्तर के युवाओं के लिए नए अवसरों के द्वार खुले हैं।

आर्थिक विकास में योगदान

व्यापार और उद्योग

बस्तर के हस्तशिल्प, वनोपज और हर्बल उत्पाद अब देश के बड़े बाजारों तक सरलता से पहुँच रहे हैं। यह स्थानीय कारीगरों और किसानों के लिए नए बाजार उपलब्ध कराता है।

पर्यटन उद्योग का विकास

चित्रकूट और तीरथगढ़ जलप्रपात, कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान और ऐतिहासिक बस्तर दशहरा जैसे पर्यटन स्थलों तक देश-विदेश से पर्यटकों की पहुँच भी सहज हुई है। इससे पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिला है।

भविष्य की संभावनाएं

जगदलपुर एयरपोर्ट का संचालन बस्तर अंचल के लिए विकास का नया द्वार सिद्ध हो रहा है। इससे आंतरिक क्षेत्रों तक आधुनिक सुविधाएँ पहुँच रही हैं और बस्तर को राष्ट्रीय परिदृश्य पर नई पहचान मिल रही है। आने वाले समय में यह एयरपोर्ट क्षेत्र की आर्थिक और सामाजिक प्रगति का महत्वपूर्ण केंद्र बनेगा।

जगदलपुर एयरपोर्ट की सफलता की गाथा यह दर्शाती है कि कैसे बुनियादी ढांचे के विकास से पूरे क्षेत्र का कायाकल्प हो सकता है। यह न केवल स्थानीय समुदाय के जीवन स्तर में सुधार लाता है बल्कि राष्ट्रीय विकास में भी अपना योगदान देता है।

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