December 9, 2024
origin of the name Chhattisgarh

origin of the name Chhattisgarh

History of Chhattisgarh – 1 नवंबर, 2000 के दिन मध्य प्रदेश से अलग होने के बाद छत्तीसगढ़ राज्य अस्तित्व में आया। पौराणिक कथाओं के अनुसार यह राज्य कौशल राज्य (भगवान श्रीराम की ननिहाल) है। लगभग 300 वर्ष पूर्व गोंड जनजाति के शासन काल में इस क्षेत्र को छत्तीसगढ़ कहा जाता था।

दक्षिण कोसल (दक्षिण कोसल) इस क्षेत्र का प्राचीन नाम था। छत्तीसगढ़ नाम मराठा काल के दौरान लोकप्रिय हुआ, और इस शब्द का पहली बार अंग्रेजों द्वारा 1795 में एक आधिकारिक दस्तावेज में इस्तेमाल किया गया था। यह व्यापक रूप से माना जाता है कि यह नाम छत्तीसगढ़ी देवी मंदिर के 36 किलों के कारण पड़ा है।

यह जानना दिलचस्प है कि छत्तीसगढ़ से कई कहानियां जुड़ी हुई हैं। (why Chhattisgarh was named as Chhattisgarh) हालांकि असली वजह गोंड राजाओं द्वारा बनवाए गए 36 किले थे। जी हां, इन 36 किलों को गढ़ भी कहा जाता है। इस तरह राज्य का नाम पड़ा।

36 किलों का रहस्य

सूत्रों के अनुसार ज्यादातर इतिहासकारों का मानना है कि कल्चुरी राजाओं द्वारा 36 किले या कई गांवों को मिलाकर गढ़ बनाए गए थे। इस इलाके को कोसल या दक्षिण कोसल के तौर पर जाना जाता था। ये उस समय की बात है जब रामायण काल से सत्रहवीं शताब्दी का दौर चल रहा था। ध्यान देने वाली बात ये है कि राजाओं के समय में छत्तीसगढ़ की राजधानी बिलासपुर के पास स्थित शहर रतनपुर, कल्चुरी हुआ करती थी।

माना जाता है कि कलचुरी राजाओं ने एक क्षेत्र में कई गांवों को मिलाकर 36 किलों या गढ़ों का निर्माण किया था, जिसे वे कोसल या दक्षिण कोसल कहते थे। यह रामायण काल ​​के बाद सत्रहवीं शताब्दी के आसपास का समय था। छत्तीसगढ़ की राजधानी बिलासपुर के पास एक शहर रतनपुर हुआ करती थी, कलचुरी काल के दौरान कभी कलचुरी के नाम से जाना जाता था।

उत्तर और दक्षिण में 18-18 गढ़

18 गढ़ उत्तर और दक्षिण में रायपुर शाखा के अंतर्गत 18 गढ़ बनाए थे। ये गढ़ शिवनाथ नदी के उत्तर में कल्चुरियों की रतनपुर शाखा के अंतर्गत बनाए गए थे।

रतनपुर राज्य के अधीनस्थ 18 गढ़ों के नाम इस प्रकार है-
रतनपुर, विजयपुर, पंडर भट्टा, पेंड्रा, केन्दा, बिलासपुर, खरौद, मदनपुर (चांपा), कोटगढ़, कोसगई (छुरी), लाफागढ़ (चैतुरगढ़), उपरोड़ागढ़, मातिनगढ़, करकट्टी-कंड्री, मारो, नवागढ़, सेमरिया।

रायपुर के अधीनस्थ 18 गढ़ों के नाम इस प्रकार है-
रायपुर, सिमगा, ओमेरा, राजिम, फिंगेश्वर, लवन, पाटन, दुर्ग, सारधा, सिरसा, अकलबाड़ा, मोहंदी, खल्लारी, सिरपुर, सुअरमार, सिंगारपुर, टैंगनागढ़, सिंघनगढ़ थे।

रामायण काल में छत्तीसगढ़ को दक्षिण कोसल कहा गया

छत्तीसगढ़ का इतिहास बहुत प्राचीन है। इसे हर युग में अलग -अलग नामों से जाना जाता था। पहले आते है रामायण काल में छत्तीसगढ़ को दक्षिण कोसल और बस्तर को दंडकारण्य के नाम से जाना जाता था। 

महाभारत काल में इसे प्राक्कोसल या कोसल कहा गया

महाभारत काल में इसे प्राक्कोसल या कोसल के नाम से जाना जाता था। महाजनपद काल में कोसल महा जनपद के नाम से जाना गया। बौद्ध धर्म के अनुसार बौद्ध ग्रन्थ अवदानशतक में इसका नाम दक्षिण कोसल मिलता है। छत्तीसगढ़ लम्बे समय से चेदियवंशी राजाओं के अधीन था जिसके कारन इसका नाम छत्तीसगढ़ पड़ा।

किवदंती के अनुसार बिहार छोड़ कर 36 कुल के लोगों ने 36 घर बनाये जिसके कारण इसका नाम छत्तीसगढ़ पड़ा।

36 गढ़ होने के कारण इसे छत्तीसगढ़ कहा गया

छत्तीसगढ़ में 36 गढ़ होने के कारण इसे छत्तीसगढ़ कहा गया (Origin of the name Chhattisgarh) ये 36 गढ़ शिवनाथ नदी के उत्तर और दक्षिण में बांटा गया है। इसके उत्तर में 18 गढ़ और दक्षिण में 18 गढ़ आते है जो रायपुर कलचुरी वंश के अधीन आता था और उत्तर के 18 गढ़ रतनपुर कलचुरी वंश के अधीन आता था। यही छत्तीसगढ़ के नाम का असली कारण है।

छत्तीसगढ़ को अलग -अलग  नामों से जाना गया

  • रामायण काल – दक्षिण कोसल 
  • महाभारत काल- कोसल प्राक्कोसल 
  • प्राचीन काल –  चेदिसगढ़ 
  • मुग़ल काल में – रतनपुर राज्य 
  • फिर अंत में छत्तीसगढ़ के नाम से जाना गया।

पहली बार सन 1918 में हुई थी छत्तीसगढ़ की मांग

(For the first time demand for the state of Chhattisgarh) छत्तीसगढ़ राज्य की मांग 1918 से ही चली आ रही थी। छत्तीसगढ़ राज्य के पहले अवधारणावादी पंडित सुंदर लाल शर्मा ने मांग की उन्होंने छत्तीसगढ़ को अपनी मातृ राज्य मध्य प्रदेश से अलग करने की मांग करी । 1924 में पृथक राज्य की मांग छत्तीसगढ़ के रूप में कांग्रेस परिसद रायपुर द्वारा की गयी। सुंदरलाल शर्मा ने 1939 त्रिपुरी अधिवेशन में पृथक छत्तीसगढ़ की मांग रखी।

1946 में ठा.प्यारेलाल ने छत्तीसगढ़ शोषण विरोधी मंच की गठन की। 1955 में रामकृष्ण सिंह के द्वारा पृथक छत्तीसगढ़ की मांग विधानसभा में रखा गया। 1956 में छत्तीसगढ़ महा सभा द्वारा छत्तीसगढ़ की मांग सुसंगठित रूप से रखा गया।  इसी तरह बहुत से प्रयास किये गए। 1998 में मध्यप्रदेश विधान सभा में प्रस्ताव पारित हुआ।  अंत में 1 नवम्बर 2000 को छत्तीसगढ़ पृथक राज्य के रूप में आया।

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पहले बिलासपुर बनने वाली थी छत्तीसगढ़ की राजधनी

छत्तीसगढ़ के गठन के बाद इसकी राजधानी को लेकर काफी विचार-विमर्श हुआ. पहले बिलासपुर को राजधानी बनाए जाने पर विचार किया गया, क्योंकि बिलासपुर, वर्तमान राजधानी रायपुर से उस समय पर ज्यादा विकसित था। लेकिन फिर काफी विचार के बाद रायपुर को छत्तीसगढ़ की राजधानी घोषित किया गया। बता दें छत्तीसगढ़ का कुल क्षेत्रफल 1,35, 192 किलोमीटर है और इसका सबसे बड़ा शहर रायपुर है।

आजादी के बाद राज्यों का जो नया बंटवारा हुआ उसमें पहले सी.पी. एंड बरार और बाद में मध्य प्रदेश का हिस्सा बने छत्तीसगढ़ ने कई तरह की उपेक्षाओं को महसूस किया। एक तरफ, मध्य प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री पं. रविशंकर शुक्ल थे, जो छत्तीसगढ़ अंचल के ही थे, तो दूसरी तरफ, पूरा का पूरा प्रशासनिक ढांचा कुछ इस ढंग से विकसित हुआ था कि छत्तीसगढ़ की सीमा के भीतर कोई प्रशासनिक केंद्र नहीं आया. शिक्षा मंडल, उच्च-न्यायालय, राजधानी जैसे प्रतिष्ठा के प्रतीक छत्तीसगढ़ के बाहर ही स्थापित हुए।

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छत्तीसगढ़ के बारे में और भी जानिए

आइये जाने छत्तीसगढ़ के बारे में कुछ सामान्य ज्ञान

छत्तीसगढ़ में कितने जिले हैं? – How many district in Chhattisgarh? – Chhattisgarh mein kul kitne jile hain – 2022

छत्तीसगढ़ में मध्य प्रदेश से अलग होने से पहले 16 जिले थे, लेकिन अब छत्तीसगढ़ में कुल 33 जिले हैं। छत्तीसगढ़ के चार नए जिले 15 अगस्त 2021 को बनाए गए हैं। 17 अप्रैल 2022 को छत्तीसगढ़ का 33 वां जिला खैरागढ़-छुईखदान-गंडई को जिला बनाया गया था।

छत्तीसगढ़ के 33 जिलों के नाम क्या हैं? – What are the names of 33 districts of Chhattisgarh?

छत्तीसगढ़ के जिलों के नाम बताइए in Hindi

क्रमांकजिला नाम (हिंदी)District name (English)
01धमतरीDhamtari
02बालोदBalood
03बिलासपुरBilaspur
04दुर्गDurg
05बलोदा बाजारBaloda Bazar
06जांजगीर चांपाJanjagir champa
07बलरामपुरBalrampur
08कांकेरKanker
09कोरबाkorba
10कबीरधामkabir dham
11बस्तरBastar
12कोंडागांवkondagaon
13गरियाबंदgariyaband
14कोरियाkoriya
15बेमेतराbemetara
16महासमुंदmahasamund
17बीजापुरBijapur
18मुंगेलीmungeli
19जशपुरjashpur
20नारायणपुरNarayapur
21दंतेवाड़ाDantewada
22रायगढ़raigard
23रायपुरRaypur
24राजनांदगांवrajnandgaon
25सुकमाsukma
26सूरजपुरsurajpur
27सरगुजाsurguja
28सारंगढ़ बिलाईगढ़sarangarh Bilaigarh
29सक्तिsakti
30मोहला – मानपुर – चौकीmohla-manpur-chouki
31भरतपुर – मनेंद्रगढ़ – चिरमिरीbharatpur-manendragarh-chirmiri
32गौरेला-पेंड्रा-मरवाहीgaurela-pendra-marawahi
33खैरागढ़-छुईखदान-गंडई khairagarh chhuikhdan gadai

छत्तीसगढ़ के जिले और आरटीओ कोड : RTO code location of CG – RTO code of chhattisgarh

Nodistrict RTO locationsRTO code (आरटीओ कोड)
01government of chhattisgarhcg 01
02government of chhattisgarhcg 02
03government of chhattisgarhcg 03
04raipurcg 04
05dhamtaricg 05
06mahasamundcg 06
07durgcg 07
08rajnandgaoncg 08
09kabirdhamcg 09
10bilaspurcg 10
11jangir champacg 11
12korbacg 12
13raigarhcg 13
14jashpurcg 14
15ambikapurcg 15
16baikunthpurcg 16
17jagdalpurcg 17
18dantewadacg 18
19kankercg 19
20bijapurcg 20
21bijapurcg 21
22baloda bazarcg 22
23gariyabandcg 23
24balodcg 24
25bemetaracg 25
26sukmacg 26
27kondagaoncg 27
28mungelicg 28
29surajpurcg 29
30balrampurcg 30
31 gaurela-pendra-marawahicg 31

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