
Mona Sen Biography in Hindi: मोना सेन छत्तीसगढ़ की वो स्टार जिसने सपनों के लिए दीवार लांघ दी!
Mona Sen Biography in Hindi: कभी-कभी ज़िंदगी में कुछ फैसले पूरे रास्ते बदल देते हैं। मोना सेन के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। रायपुर की रहने वाली एक साधारण लड़की, जिसके पिता शिक्षक थे और जिनकी बस एक ख्वाहिश थी, बेटी पढ़े-लिखे, लेकिन मंच पर नाच-गाना न करे। पर मोना के दिल में तो कुछ और ही था। वो स्टेज की रौनक बनना चाहती थीं, लाइट्स के नीचे अपनी पहचान बनाना चाहती थीं।
मोना सेन आज छत्तीसगढ़ी फिल्म इंडस्ट्री का बड़ा नाम हैं, एक सिंगर, डांसर, एक्ट्रेस और अब छत्तीसगढ़ फिल्म विकास निगम की अध्यक्ष। लेकिन इस मुकाम तक पहुंचना इतना आसान नहीं था।
शुरुआती जीवन और परिवार
मोना सेन का जन्म 12 जून 1978 को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में हुआ। इनका रियल नाम रेखा सिंह है। उनके पिता स्कूल टीचर थे और घर में अनुशासन का माहौल था। जब मोना ने कहा कि वो डांसर बनना चाहती हैं, पिता का जवाब साफ था“नहीं, ये हमारे घर की लड़की के लिए ठीक नहीं।”
पर मोना ने हार नहीं मानी। अपने ही शब्दों में वो बताती हैं.
“मेरे पहले शो के लिए मुझे रात में घर की बाड़ी से कूदना पड़ा था। चाचा बाइक लेकर आए, मैं पीछे बैठ गई और डरते-डरते स्टेज पर पहुंची। दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़क रहा था, लेकिन मैंने पूरी जान लगाकर डांस किया। शो सुपरहिट रहा।”
वो रात उनके लिए टर्निंग पॉइंट थी। लोग उन्हें पहचानने लगे, ऑफर आने लगे और मोना का सफर शुरू हो गया।
मोना सेन के पति?
मोना सेन जी ने कोई शादी नहीं की है एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि वे शादी नहीं की है और ना ही करना चाहती है बल्कि उन्होंने 9 बच्चों को गोद लिया है।
डांसर से एंकर और फिर सिंगर बनने का सफर
Mona Sen Success Story: एक शो में एंकर नहीं पहुंच सका, तो आयोजकों ने माइक मोना के हाथों में दे दिया। वो कहती हैं, “हाथ कांप रहे थे, लेकिन जब बोलना शुरू किया, तो लोग सुनते रह गए।” उस दिन के बाद मोना सेन सिर्फ डांसर नहीं रहीं, बल्कि एक एंकर भी बन गईं।
इसके बाद उन्हें सिंगर मोहन सुंदरानी ने गाने का मौका दिया। उनकी आवाज़ ने लोगों का दिल जीत लिया। गाना “मोल मोहि डारे” और “छले आबे” जैसे हिट ट्रैक्स ने उन्हें एक नई पहचान दी।
Mona Sen Movies List (मोना सेन की फ़िल्में)
मोना सेन ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 2015 में फिल्म ‘गोलमाल’ से की थी। इसके बाद कई छत्तीसगढ़ी फिल्मों में उन्होंने काम किया, जिनमें से कई सुपरहिट रहीं।
उनकी प्रमुख फिल्में हैं:
- गोलमाल
- बनिहार (पहली छोटी भूमिका)
- छत्तीसगढ़िया सबसे बढ़िया (ब्रेकथ्रू रोल)
- लोरी चंदा
- भांवर
- मयारू गंगा
- माया के बुखार
फिल्म ‘छत्तीसगढ़िया सबसे बढ़िया’ ने उन्हें सच्ची स्टारडम दी। इस फिल्म ने साबित किया कि मोना केवल डांसर नहीं, बल्कि एक सशक्त अभिनेत्री भी हैं।
Mona Sen Songs (मोना सेन के गाने)
मोना ने अपनी सुरीली आवाज़ से भी छत्तीसगढ़ी संगीत को नई पहचान दी।
उनके कुछ चर्चित गाने इस प्रकार हैं:
- “मोल मोहि डारे” – संगीत: सूरज महानंद
- “छले आबे” – लोकगीत, जो यूट्यूब पर लाखों व्यूज़ पा चुका है
- “A Rangale Mor Sang”, “Holi Ma Mate He”, “Murga Bole” – पारंपरिक फोक टच के साथ
उनका SoundCloud पेज और YouTube चैनल छत्तीसगढ़ी लोकसंगीत के प्रशंसकों के लिए लोकप्रिय है।
सामाजिक योगदान: “बेटी है तो दुनिया है” मिशन
मोना सेन सिर्फ कलाकार नहीं, बल्कि समाजसेवी भी हैं। उन्होंने बेटियों की शिक्षा और सशक्तिकरण के लिए “बेटी है तो दुनिया है” नामक अभियान शुरू किया। इस अभियान के तहत 60 हजार लोगों ने बेटियों की शिक्षा को बढ़ावा देने का संकल्प लिया।
इस रिकॉर्ड को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया। यह पहल पूरे प्रदेश में बेटी सशक्तिकरण का प्रतीक बन गई।
सम्मान और उपलब्धियाँ
- मिनी माता सम्मान – महिला सशक्तिकरण में योगदान के लिए
- कौशल्या माता सम्मान – संस्कृति संरक्षण हेतु
- अहिल्या सम्मान – कला और समाजसेवा में विशिष्ट योगदान
- छत्तीसगढ़ राज्य हेयर स्टाइलिस्ट वेलफेयर बोर्ड की अध्यक्ष रहीं
- हाल ही में बनीं छत्तीसगढ़ फिल्म विकास निगम की अध्यक्ष
निजी जीवन और हाल की स्थिति
कुछ समय पहले मोना सेन एक सड़क दुर्घटना में घायल हो गई थीं, जब उनकी कार एक बाइक से टकरा गई। उन्हें हल्की चोटें आईं और वे अस्पताल में भर्ती रहीं। अब वे संपूर्ण स्वस्थ हैं और अपना काम जारी रखे हुए हैं।
पिता का गर्व और बेटी की जीत
वो पिता जो कभी कहते थे कि “लड़कियाँ स्टेज पर नाचती अच्छी नहीं लगतीं”, आज उसी बेटी पर गर्व करते हैं। मोना सेन ने एक बार कहा था –
“जब पापा ने कहा कि ‘तुमने सही किया जो अपने दिल की सुनी’, तो मेरे लिए वो सभी एवॉर्ड्स से बड़ा सम्मान था।”
मोना सेन की कहानी सिर्फ एक एक्ट्रेस की बायोग्राफी नहीं है, बल्कि यह एक ऐसी लड़की की कहानी है जिसने परिवार, समाज और परिस्थितियों की सीमाओं को पार कर अपने सपनों को साकार किया।
आज वे छत्तीसगढ़ की कला, संस्कृति और महिला सशक्तिकरण की जीती-जागती मिसाल हैं।
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