IAS Renu Pillay

IAS Renu Pillay Biography in Hindi: रेणु गोनेला पिल्ले का जीवन परिचय

IAS Renu Gonela Pillay Biography Hindi: आईएएस सेवा से जुड़ी हर अफसर की अपनी अलग पहचान और कार्यशैली होती है। इन्हीं में से एक नाम है रेणु गोनेला पिल्ले, जिन्हें आमतौर पर रेणु पिल्ले के नाम से जाना जाता है। वे छत्तीसगढ़ कैडर की वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं और वर्तमान में प्रदेश प्रशासन की सबसे अनुभवी महिला अफसरों में गिनी जाती हैं।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

रेणु पिल्ले का जन्म 16 फरवरी 1968 को आंध्रप्रदेश में हुआ। उनका परिवार साधारण पृष्ठभूमि से जुड़ा था, लेकिन पढ़ाई-लिखाई पर हमेशा विशेष ध्यान दिया गया। उन्होंने उच्च शिक्षा में समाजशास्त्र विषय चुना और इस विषय से पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा किया। पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने यह तय किया कि वे सिविल सेवा के माध्यम से प्रशासनिक क्षेत्र में कदम रखेंगी। कड़ी तैयारी और लगन के बाद उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) परीक्षा पास की और 1991 बैच की आईएएस अधिकारी बनीं।

उन्होंने 11 अक्टूबर 1992 को आईएएस की सेवा ज्वाइन की और इसी के साथ उनका प्रशासनिक जीवन शुरू हुआ।

पारिवारिक जीवन

रेणु पिल्ले का परिवार भी प्रशासनिक पृष्ठभूमि से जुड़ा हुआ है। उनके (Renu Pillay Husband Name) पति संजय पिल्ले छत्तीसगढ़ कैडर के 1988 बैच के आईएएस अधिकारी रहे हैं। वे कई अहम पदों पर रहे और जेल विभाग के महानिदेशक (DG) के पद से जुलाई 2023 में सेवानिवृत्त हुए। रिटायरमेंट के बाद सरकार ने उन्हें संविदा में पुनः इसी पद पर जिम्मेदारी दी।

उनके पुत्र अक्षय पिल्ले भी परिवार की इस परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। अक्षय ने 2017 में एनआईटी रायपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री ली और फिर यूपीएससी की तैयारी शुरू की। चौथे प्रयास में उन्हें सफलता मिली और उन्होंने 2021 की सिविल सेवा परीक्षा में 51वीं रैंक हासिल की। अक्षय वर्तमान में उड़ीसा कैडर के आईएएस अधिकारी हैं।

प्रशासनिक करियर

रेणु पिल्ले ने अपने लंबे प्रशासनिक जीवन में कई अहम विभागों की जिम्मेदारी संभाली है।

  • शुरुआत में उन्होंने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की सचिव के रूप में कार्य किया।
  • वे विकास आयुक्त के पद पर भी रहीं और ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों की निगरानी की।
  • उन्हें ठाकुर प्यारेलाल पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान की महानिदेशक और साथ ही राज्य प्रशासनिक अकादमी की महानिदेशक की जिम्मेदारी दी गई।
  • वर्ष 2019 में केंद्र सरकार ने उन्हें एडीशनल सेक्रेट्री इंपैनल किया, जो उनके करियर में एक बड़ा मुकाम था।

रेणु पिल्ले को खेल एवं युवा कल्याण विभाग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग जैसे कई अन्य विभागों का भी अनुभव है।

जून 2020 में उन्हें प्रमुख सचिव से पदोन्नत कर अपर मुख्य सचिव बनाया गया। इस दौरान उन्हें कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा और रोजगार विभाग की जिम्मेदारी दी गई। इसके साथ ही वे छत्तीसगढ़ प्रशासन अकादमी की महानिदेशक का अतिरिक्त प्रभार भी संभाल रही थीं।

वर्तमान जिम्मेदारियाँ

भविष्य और संभावनाएँ

रेणु पिल्ले की सेवानिवृत्ति वर्ष 2028 में निर्धारित है। उनके पास अभी लगभग चार वर्षों का कार्यकाल बाकी है। वर्तमान में छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अमिताभ जैन 2025 में रिटायर होने वाले हैं। ऐसे में यह संभावना जताई जा रही थी कि रेणु पिल्ले अगली मुख्य सचिव बन सकती हैं। उनका अनुभव, वरिष्ठता और कार्यशैली उन्हें इस पद की संभावित दावेदार बनाता है।

कार्यशैली और पहचान

रेणु पिल्ले का प्रशासनिक करियर यह दर्शाता है कि उन्होंने हमेशा संगठनात्मक सुधार, ग्रामीण विकास और शिक्षा को प्राथमिकता दी है। उनकी कार्यशैली संतुलित और परिणाम आधारित मानी जाती है। वे अपने शांत स्वभाव और स्पष्ट दृष्टिकोण के लिए जानी जाती हैं।

आईएएस रेणु पिल्ले के महत्वपूर्ण निर्णय और योजनाएँ (संक्षेप में)

ग्रामीण विकास – मनरेगा, आवास योजना और स्वच्छ भारत मिशन के बेहतर क्रियान्वयन पर जोर दिया।
शिक्षा और कौशल – कौशल विकास प्रोग्राम, आईटीआई और पॉलिटेक्निक संस्थानों को मजबूत किया, शिक्षा मंडल और व्यापम में पारदर्शिता लाईं।
विज्ञान एवं तकनीक – ई-गवर्नेंस और शोध परियोजनाओं को बढ़ावा दिया।
खेल एवं युवा – खिलाड़ियों और युवाओं के लिए प्रशिक्षण शिविर और प्रतियोगिताएँ आयोजित कर प्रतिभाओं को प्रोत्साहित किया।
प्रशासनिक सुधार – प्रशिक्षण कार्यक्रमों में डिजिटल लर्निंग और व्यावहारिक मॉड्यूल शामिल किए।

निष्कर्ष

रेणु गोनेला पिल्ले छत्तीसगढ़ प्रशासन की उन वरिष्ठ महिला अधिकारियों में से हैं जिन्होंने न केवल अपने पद की जिम्मेदारियों को निभाया है, बल्कि प्रशासनिक सेवा में एक मजबूत पहचान बनाई है। आने वाले वर्षों में वे राज्य की पहली महिला मुख्य सचिव बनने की दावेदार मानी जा रही थी। उनका जीवन युवाओं के लिए यह प्रेरणा देता है कि कड़ी मेहनत और धैर्य से किसी भी मुकाम तक पहुंचा जा सकता है।

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