
Ramtekri Mandir Ratanpur Bilaspur: राम टेकरी मंदिर रतनपुर, यहाँ की मूर्ति की फोटो वीडियो इंटरनेट में भी नहीं…

Ramtekri Mandir Ratanpur Bilaspur: कहते हैं जब मन को सुकून चाहिए, तब पहाड़ और भक्ति का संगम सबसे सुंदर अनुभव देता है। कुछ ऐसा ही अनुभव रतनपुर की पहाड़ियों पर विराजमान राम टेकरी में मिलता है। बिलासपुर से करीब 25 किलोमीटर और छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से लगभग 140 किलोमीटर दूर, बिलासपुर-कटघोरा मार्ग पर स्थित यह पवित्र स्थान भक्तों की आस्था का केंद्र है। कहते हैं, मराठा शासनकाल में बने इस मंदिर में भगवान श्रीराम माता सीता के साथ विराजते हैं।
यहां पहुँचते ही श्रद्धालुओं का मन अद्भुत शांति और श्रद्धा से भर जाता है। पहाड़ी पर बने इस राम-जानकी मंदिर से ही इसे राम टेकरी कहा जाता है। भगवान राम, माता सीता और भगवान हनुमान की सुंदर ग्रेनाइट की मूर्तियाँ जैसे हर भक्त को अपनी ओर बुलाती हैं।
हर शुभ अवसर पर यहाँ भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है। दूर-दूर से लोग आते हैं, घंटों चढ़ाई करते हैं और जब मंदिर की सीढ़ियाँ पूरी कर भगवान के दर्शन होते हैं, तो लगता है जैसे सारी थकान पलभर में दूर हो गई हो। राम टेकरी की ठंडी हवा, चारों ओर फैली हरियाली और घंटियों की मधुर ध्वनि, ये सब मिलकर इस जगह को सचमुच दिव्यता से भर देते हैं।
राम टेकरी का भूगोल
यह सुंदर मंदिर चारों ओर से घने पेड़ों और हरियाली से घिरा हुआ है, जो इसे और भी मनोहारी बना देता है। रतनपुर के प्रसिद्ध महामाया मंदिर से यह सिर्फ 3 किलोमीटर दूर मेन रोड पर ही स्थित है। यहां तक पहुंचने का रास्ता भी रोमांच से भरा होता है। इस मंदिर परिसर में भगवान राम, माता सीता और भगवान हनुमान के अलावा भगवान विष्णु और काल भैरव की भी मूर्तियां स्थापित हैं। यह स्थान भक्तों के मन को आत्मिक शांति और ऊर्जा से भर देता है।
पहाड़ों पर राम टेकरी का महत्व
कहा जाता है कि भगवान राम ने अपने 14 वर्षों के वनवास के दौरान अरण्य में ही समय बिताया था। उसी भावना को जीवंत रखने के लिए यह मंदिर भी घने जंगलों के बीच ऊंचे पहाड़ पर बनाया गया। छत्तीसगढ़ का यह अनोखा मंदिर उन चुनिंदा मंदिरों में गिना जाता है, जहां इतनी ऊंचाई पर भगवान श्रीराम विराजमान हैं। आज यह जगह न केवल श्रद्धालुओं के लिए बल्कि आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के लिए भी लोकप्रिय स्थल बन चुकी है।
राम टेकरी का इतिहास
राम टेकरी से जुड़ी मान्यता बताती है कि मराठा शासक बिम्बा जी भगवान राम के परम भक्त थे। ऐसा कहा जाता है कि इसी श्रद्धा के कारण इस मंदिर का निर्माण उनके शासनकाल में करवाया गया। मंदिर परिसर में एक मूर्ति भी है, जिसमें मराठा शासक बिम्बा जी को हाथ जोड़कर प्रभु श्रीराम के समक्ष खड़े हुए दर्शाया गया है। कुछ लोगों का यह भी मानना है कि मराठा राजा शिवाजी राव भोंसले ने इस मंदिर का निर्माण कराया था। पहाड़ी पर बसे इस मंदिर से जुड़ा इतिहास लोगों को अपनी संस्कृति और आस्था से जोड़ता है।
राम टेकरी रतनपुर कैसे पहुंचे?
सड़क मार्ग: राम टेकरी तक पहुंचने के लिए पक्की सड़कें बनी हुई हैं, जिससे आप अपनी गाड़ी, बाइक या टैक्सी से आसानी से यहां पहुंच सकते हैं। बिलासपुर से इसकी दूरी करीब 25 किलोमीटर और रायपुर से करीब 140 किलोमीटर है।
रेल मार्ग: सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन उसलापुर/बिलासपुर रेलवे स्टेशन है, जो लगभग 30 किलोमीटर दूर है। वहां से आप बस या ऑटो से राम टेकरी तक पहुंच सकते हैं।
हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा बिलासपुर एयरपोर्ट है, जो सीमित उड़ानों के लिए कार्यरत है और यहां से राम टेकरी करीब 30 किलोमीटर दूर है। वहीं मुख्य हवाई अड्डा रायपुर में है, जो लगभग 160 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
राम टेकरी रतनपुर: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
1️⃣राम टेकरी मंदिर किसके लिए प्रसिद्ध है?
राम टेकरी भगवान श्रीराम, माता सीता और भगवान हनुमान की भव्य मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है, जो पहाड़ी पर बने इस मंदिर को विशेष बनाती हैं। इसके अलावा यहां भगवान विष्णु और काल भैरव की भी मूर्तियां स्थापित हैं।
2️⃣ राम टेकरी मंदिर कब और किसने बनवाया था?
ऐसा माना जाता है कि राम टेकरी मंदिर का निर्माण मराठा शासक बिम्बा जी या मराठा राजा शिवाजी राव भोंसले के शासनकाल में करवाया गया था।
3️⃣ राम टेकरी मंदिर कैसे पहुंचा जा सकता है?
आप सड़क मार्ग से अपनी गाड़ी या टैक्सी से आसानी से पहुंच सकते हैं। सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन बिलासपुर (30 किमी) और निकटतम हवाई अड्डा बिलासपुर एयरपोर्ट (30 किमी) या रायपुर एयरपोर्ट (160 किमी) है।
4️⃣ राम टेकरी मंदिर कब जाना उचित रहता है?
राम टेकरी में सालभर श्रद्धालु आते हैं, लेकिन त्योहारों जैसे राम नवमी, दशहरा, या विशेष धार्मिक अवसरों पर यहां भक्तों की भीड़ अधिक रहती है। ठंड के मौसम में यहां जाना सबसे अच्छा अनुभव माना जाता है।
5️⃣ राम टेकरी में क्या-क्या देखने लायक है?
यहां भगवान राम-जानकी मंदिर के अलावा खूबसूरत हरियाली, पहाड़ी रास्ते और अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां देखने को मिलती हैं। इसके पास महामाया मंदिर भी प्रसिद्ध है, जो राम टेकरी से सिर्फ 3 किलोमीटर दूर है।
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